बेटियों को बोझ
समझने और उनके जन्म पर ताने मारने वालों को यह सक्सेस स्टोरी आईना दिखाती है। कहानी सात सगी बहनों की है। सारी बहनें सरकारी नौकरी लग गईं। कभी जो लोग इनके पैदा होने पर ताने मारा करते थे। वो ही आज इनकी कामयाबी पर गर्व करते नहीं थकते।

गांव एकमा की बेटियों की कहानी
हम बात कर रहे हैं कि बिहार की राजधानी पटना से 70 किलोमीटर दूर सारण जिले के गांव एकमा के राजकुमार सिंह के परिवार की। कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद राजकुमार सिंह ने सातों बेटियों को खूब पढ़ा-लिखाकरकाबिल बनाया और नतीजा हम सबके सामने है।
सात बहनों के भाई का इंटरव्यू
वन इंडिया से हिंदी से बातचीत में राजीव कुमार सिंह ने अपनी सातों बहनों की कामयाबी की पूरी कहानी बयां की। राजीव इकलौते भाई हैं। इनकी चार बहनें बिहार पुलिस में कांस्टेबल, शेष तीन बहनें बिहार आबकारी, एसएसबी और सीआरपीएफ में सेवाएं दे रही हैं। दो जीजा भी सरकारी नौकरी में है।
सात बहनों वाला परिवार
राजकुमार सिंह की शादी शारदा देवी से हुई। इनके आठ बेटियां व एक बेटा राजीव सिंह पैदा हुआ। सबसे बड़ी बेटी शादीशुदा नीतू देवी की साल 2008 में ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो गई। बाकी सारी बेटियां कामयाब हो गईं। बेटा राजीव भी सरकारी नौकरी की तैयारियों में जुटा है।
1. रानी देवी
कांस्टेबल बिहार पुलिस (Rani kumari singh BMP jamui Bihar ) दूसरे नंबर की बेटी रानी देवी बिहार पुलिस में कांस्टेबल हैं। वर्तमान में जमुई में पोस्टेड हैं। बीए तक शिक्षित रानी देवी शादी व दो बच्चे पैदा होने के बाद तैयारी शुरू की और बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2009 में चयनित हुई थी, मगर भर्ती अटकने के कारण साल 2021 में ज्वानिंग मिली। इनके पति नीरज शिवान में ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं।
2. रेणु कुमारी, एसएसबी कांस्टेबल ( Renu Kumari Singh SSB mahrajganj UP )
रेणु कुमारी एसएसबी कांस्टेबल के रूप में फिलहाल महाराजगंज गोरखपुर में नेपाल सीमा पर कार्यरत है। बीए तक की पढ़ाई की है। साल 2008 में इनका एसएसबी में चयन हुआ था। पति मंटू कुमार सिंह भी एसएसबी में कांस्टेबल हैं। महाराजगंज गोरखपुर में ही तैनात हैं। ये जलालपुर शिवान बिहार के रहने वाले हैं।
3. सोनी कुमारी सिंह, सीआरपीएफ, दिल्ली ( Soni kumari singh CRPF Delhi )
सोनी भी अपनी बड़ी बहनों के नक्शे कदम पर चलीं और साल 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हो गईं। फिलहाल दिल्ली में पोस्टेड हैं। इन्होंने भी बीए तक की पढ़ाई की है। पति रंजन कुमार सिंह भी सीआरपीएफ कांस्टेबल हैं।
4. कुमारी प्रीति सिंह, कांस्टेबल बिहार पुलिस ( Pritee kumari singh Bihar Police Crime Branch, Arwal)
प्रीति सिंहअविवाहित हैं। ये साल 2015 में बिहार पुलिस में भर्ती हुई थीं। बीसीए तक की पढ़ाई की है। वर्तमान में बिहार के अरवल में क्राइम ब्रांच में कार्यरत हैं।
5. कुमारी पिंकी सिंह, आबकारी बिहार ( Kuamri pinki singh Bihar Excise Siwan )
बड़ी बहनों की तरह पिंकी सिंह भी कामयाब हो गईं। ये साल 2016 में बिहार आबकारी विभाग में सलेक्शन पाने में सफल रहीं। फिलहाल शिवान में पोस्टेड है। ये अभी पीजी भी कर रही हैं।
6. कुमारी रिंकी सिंह, कांस्टेबल बिहार पुलिस ( Kumari Rinki Singh, Bihar police, dehri on sone )
रिंकी सिंह बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2018 में चयन पाया। फिलहाल एसपी कार्यालय में कार्यरत हैं और नौकरी के साथ-साथ पीजी भी कर रही है।
7. नन्हीं सिंह, जीआरपी पटना ( Kumari Nanhi singh Grpf, patna )
सबसे छोटी बेटी नन्हीं सिंह ने बड़ी बहनों की तरह कामयाबी की नई कहानी लिखी। साल 2018 में बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा इसका भी चयन हुआ। फिलहाल जीआरपी पटना में कार्यरत हैं। सभी बहनों ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा से शिक्षा प्राप्त की है।
रिंकी-पिंकी जुड़वा
लोग बोले-हरा पेड़ भी सूख जाए राजीव बताते हैं कि बेटियां पैदा होने पर उनके माता-पिता को रिश्तेदारों व पड़ोसियों से खूब ताने सुनने को मिला। जब रिंकी और पिंकी जुड़वा पैदा हुईं तो लोग बोले कि इतनी बेटियां हो गई कि इनको देखकर हरा पेड़ भी सूख जाए।एक साथ कांस्टेबल बनी दो बेटियां
बेटियों के जन्मदिन मनाने पर भी लोग ताने मारने से नहीं चूकते थे। फिर जब साल 2018 में दो बेटियां नन्हीं और रिंकी एक साथ पुलिस कांस्टेबल बनी तो वो ही लोग बोलने लगे कि इतिहास खुद को दोहराता है। सब इनकी कामयाबी पर गर्व करने लगे।
चार बीघा में खेती
राजकुमार सिंह साल 1982 में एकमा आकर बसा था। इनके पास पुस्तैनी चार बीघा जमीन थी, जिस पर खेती करके भी बेटियों को पाला और पढ़ाया। बेटियां नौकरी लगती गई तो पिता का सीना भी गर्व से चौड़ा हो गया। अब आटा चक्की के साथ-साथ तेल व राइस मिल भी लगा ली।