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बेटी ने पेश की मिसाल, दहेज में दिए 75 लाख रुपये गर्ल्स हॉस्टल को किया दान

राजस्थान के बाड़मेर

में एक शादी बेहद चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां पर एक बेटी ने अपने पिता से शादी में मिलने वाली 75 लाख रुपये की रकम को गर्ल्स हॉस्टल के लिए डोनेट कर दिया. पिता ने भी खुशी-खुशी बेटी की यह बात मानकर उसकी ख्वाहिश पूरी कर समाज के सामने एक बड़ी मिसाल पेश की है. बेटी और पिता के इस कदम हर तरफ चर्चा हो रही है.

बता दें, अंजलि के इस कदम के पीछे उनके संघर्ष की एक बड़ी कहानी है. अंजली ने बताया कि 12वीं क्लास पास करने के बाद जब वो आगे पढ़ना चाहती थी तो उनके समाज के लोगों ने उन्हें ताने देने शुरू कर दिए और कहा कि पढ़ लिखकर कौन सी कलेक्टर या एसपी बन जाओगी. अंजली बाड़मेर जिले के गांव की रहने वाली हैं और वो जिस समाज से आती हैं, वहां पर लड़कियों का पढ़ना लिखना बहुत ही कम संभव हो पाता है

बेटी ने पिता से 75 लाख रुपये गर्ल्स हॉस्टल के लिए डोनेट करवाए

अंजली ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई जोधपुर से की फिर वो दिल्ली आ गईं. यहां पर उन्होंने ग्रेजुएशन पूरी की और अब एलएलबी की पढ़ाई कर रही है. गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए अंजलि के पिता किशोर सिंह कानोड़ पहले ही एक करोड़ रुपये का दान कर चुके है. लेकिन यह प्रोजेक्ट अधूरा रह गया क्योंकि इसकी लागत 75 लाख रुपये और बढ़ गई. जब इस बात का पता अंजलि को लगा तो उसने ठान लिया कि वो किसी भी हाल में गर्ल्स हॉस्टल बनवा कर रहेंगी.

बेटी ने पिता से मांगा था ब्लैंक चेक

पिता किशोर सिंह का कहना है कि बेटी का सपना है कि समाज की बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाए. जिसके लिए मैंने एक करोड़ पर बालिका छात्रावास के लिए दिए थे लेकिन वह प्रोजेक्ट पैसों के अभाव में अधूरा चल रहा था. जिसके बाद बेटी ने कहा कि दहेज में मुझे गहने या महंगा सामान नहीं चाहिए. मुझे तो सिर्फ खाली चेक चाहिए जो कि मैं बालिका छात्रावास के निर्माण में दे सकूं और मैंने अपनी बेटी का सपना पूरा करके छोटा सा फर्ज निभाया है.

अंजली के इस काम से ससुराल वाले बेहद खुश

अंजली के दादी ससुर कैप्टन हीर सिंह भाटी बताते हैं उनकी बहू अंजलि ने जो काम किया है वो बहुत काबिले तारीफ है. उसने अपनी समाज की बेटियों के लिए शिक्षा को लेकर जो काम किया है. उसकी जितनी तारीफ करो उतनी कम है, हम तो यही चाहते हैं कि बेटियां पढ़ लिखकर अपने दम पर आगे बढ़े.

गौरतलब है कि पश्चिमी राजस्थान का यह इलाका किसी जमाने में बेटियों को पैदा होते ही मार देता था क्योंकि बेटियां रखना अभिशाप माना जाता था लेकिन बदले हालातों के साथ ही अब यहां पर बेटियां बेटों से कम नहीं है. लिहाजा परिवार के लोग भी बेटियों के सपनों को साकार करने के लिए बेटियों के कदम के साथ कदम मिलाते नजर आ रहे हैं.

Gaurav Chauhan

Gaurav Chauhan is born and brought up in Jaipur, Rajasthan. He is Content Writer in tech, entertainment and sports. He has experience in digital Platforms from 3 years. He has obtained the degree of Bachelor of Journalism and Mass Communication in 2018 from CCS University of Rajasthan Jaipur . official email :[email protected] , Author at Yuvakatta. Our enthusiasm for writing never stops Phone : +918800260914

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